जैसा बोले वैसा चले उसके वचन प्रमाण
समर्थ रामदास स्वामी कहते हैं, जो जैसा बोलता है, वैसा करता है और पहले करके और फिर दूसरों को उपदेश देता है, उसकी बातों पर लोग विश्वास करते हैं। लोग उसका अनुकरण करते हैं। एक बहुत ही सामान्य अनुभव, हम छोटे-छोटे कारणों से अपने पड़ोसियों से झूठ बोलते हैं। हमें नहीं लगता कि हम कुछ गलत कर रहे हैं। इसलिए हम अपने बच्चों को कितना भी सच बोलना सिखाएं, हमारे बच्चे हमसे झूठ बोलते हैं। यह सच पचा पाना मुश्किल है कि हमारे अपने बच्चे जब हमसे झूठ बोलते हैं, वे हमारा ही अनुकरण कर रहे होते हैं। समाज में रहने वाले लोगों में अपने बड़ों की नकल करने की स्वाभाविक प्रवृत्ति होती है, चाहे वह माता-पिता हों या नेता।
अब एक और उदाहरण 2016 में एक मन की बात कार्यक्रम में हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को खादी के कपड़े पहनने की सलाह दी। देश में खादी की बिक्री पिछले कुछ सालों में तीन गुना बढ़कर एक लाख करोड़ रुपये को पार कर गई। क्योंकि हमारे प्रधानमंत्री खुद खादी पहनते हैं। देश के लोगों ने उनकी सलाह मान ली अर्थात उनका अनुकरण किया। लोग खादी के कपड़े खरीदने लगे। देश में खादी की बिक्री बढ़ी।
संक्षेप में, किसी को भी उपदेश देने से पहले हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हम स्वयं उसका पालन करें। नहीं तो हमारी बात पर कोई विश्वास नहीं करेगा।