मनुष्य के मरने के बाद हम राख को नदी में बहा देते हैं, परन्तु फिर भी जीवन नष्ट नहीं होता है. यह तो एक चिरंतन यात्रा है. राख बहकर फिर किसी खेत में पहुंची और फिर से ...
राख नदी में बहा दी
बहकर खेत में पहुंची.
एक वहाँ अंकुर फूटा
जीवन फिर से जगा.
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