बुधवार, 6 मार्च 2019

क्षणिकाएँ: वसंत


एक कली
खिल गयी
दर्पण देख 
शरमा गयी.

बसंती बयार में 
भटक गया जी 
भौरें के प्यार में 
डूब गई कली.
 
 बसंती बयार में 
दिल मेरा बौराया 
 क्षणिक प्रेम के लिए
विरह चिरंतन जिया.

वासंतिक फूल 
मुरझा गया
माटी को अपनी
 खुशबू दे गया.