अग्निवीर स्कीम को लेकर अनेक भ्रांतियाँ फैलाई जा रही है। पहली यह की इससे रोजगार छिन जाएगा। क्या सचमुच यह सही है। भ्रांति फैलाने वाले कहते हैं की पहले साल 46000 नियुक्तियाँ अग्निवीर स्कीम के तहत होगी। जिसमें से 25 प्रतिशत अर्थात 11,500 सेना में स्थायी होंगे। बाकी 34,500 सैनिक 25 साल की उम्र में सेना की नौकरी से निवृत होंगे। वे भविष्य में क्या करेंगे। प्रश्न महत्वपूर्ण है।
अब आइये, यदि अग्निवीर स्कीम नहीं हो तो इन पदों पर कितनी भर्ती होगी। 4 साल बाद स्थायी होने वाले सैनिक 11,500। इसके अलावा अस्थायी 34,500 को भी 4 से भाग देंगे। तो आंकड़ा आयेगा 8625। अर्थात केवल 20125 सैनिकोंकी स्थायी भर्ती होगी। बाकी 25875 को न सेना में नौकरी का अनुभव मिलेगा और उन्हे दूसरी जगह भी नौकरी मिलने की संभावना कम ही रहेगी।
अब अग्निवीर स्कीम के लाभ: अग्निवीर सेना की 4 साल की नौकरी के साथ पढ़ाई भी कर सकेगा, डिग्री भी प्राप्त कर सकेगा। उसका स्वास्थ्य भी अच्छा रहेगा। सेना का अनुभव भी उसके पास होगा। पगार भी मिलेगा और उसकी जेब में 11 लाख रुपए भी होंगे। जिससे वह चाहे अपना रोजगार भी शुरू कर सकेगा। उसके घरवालोंका कुछ भी खर्च नहीं होगा। सच कहूँ तो यदि सरकार कहती आपको चार साल आर्मी अनुभव मिलेगा और 25 प्रतिशत को नौकरी मिलेगी तो लाख रुपए साल के देकर भी युवा इस स्कीम में शामिल होने के लिए लालायित रहते। कोचिंग सेंटर तो यही गाजर दिखाकर बेरोजगारोसे लाखो रुपए लूटते है और शायद ही उनके सबके मिलाकर 1 प्रतिशत विद्यार्थी पास होते हो। बीस हजार की जगह 46000 को नौकरी मिलने से कोचिंग सेंटर का धंधा चौपट होने का खतरा निश्चित है। उनके विरोध का मुख्य कारण यही है।
अब सवाल है 34,500 निवृत सैनिक क्या करेंगे। सरकारी अर्ध सैनिक बलोंकी सेवा में उन्हे आरक्षण मिलेगा। सुरक्षा से जुड़ी सरकारी या राज्य सरकार की संस्थाओं हो एक बात तो निश्चित है, सभी को पका पकाया माल मुफ्त में मिल रहा हो तो क्यों नहीं लपकेंगे। सैनिक अनुभव होने के कारण पुलिस, प्रशासन इत्यादि में भी उनको भविष्य में आरक्षण और आरक्षण न भी हो तो भी नौकरी में वरीयता मिल ही जाएगी। कहने का तात्पर्य जहां केवल 20125 युवाओंको रोजगार मिलता इस स्कीम के बाद निवृत हुए 34500 में से कम से कम 15 से 20 हजार को भी सरकारी संस्थाओंमे नौकरी निश्चित मिल ही जाएगी। बाकी निजी क्षेत्र में भी सेना से निवृत युवाओंकों नौकरी की संभावनाएं अधिक ही रहेंगी। उदा. एक निजी बैंक भी, 25 वर्ष का निवृत सैनिक जिसके पास बीकॉम डिग्री हो, उसे दूसरोंके मुक़ाबले नौकरी में वरीयता देगा ही। सुरक्षा सभी क्षेत्रों की सहज प्रवृति होती है। एक अतिरिक्त योग्यता होने की वजह से अग्निवीरोंका भविष्य उज्ज्वल ही होगा।
सारांश अग्निवीर स्कीम में शामिल युवाओंकों रोजगार का अधिक अवसर प्रदान करती है। दुर्भाग्य से सरकार इस स्कीम को लागू करने से पहले इसका महत्व युवाओंकों समझाने में विफल रही है। दूसरी और मीडिया भी युवाओं का सही मार्गदर्शन नहीं कर रहा है। शायद चटखारे लेते हुए आग में घी डालने से उन्हे ज्यादा टीआरपी मिलती है। बाकी हमारे देश में विरोधी दल हमेशासे ही सत्ता के लिए किसी भी स्तर पर जाते है। सरकारी संपत्ति का नुकसान पहुँचाने में भी चूकते नहीं है। बाकी जो युवा उनके चक्कर में आकर तोडफोड करेंगे उनका भविष्य तो चौपट होना निश्चित है। आज के जानकारी के युग में उन्हे सरकारी छोड़ो, निजी नौकरी भी भविष्य में उन्हे नहीं मिलेगी।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें