मंगलवार, 19 अक्तूबर 2021

मैफ़िल

 डूबते सूरज के साथ 

मैफ़िल समाप्त गयीl

साथी सभी पुराने 

विदा ले रहे हैं l


अकेलेपन का खौफ़

ज़ेहन में छाने लगा है। 

घुप्प अंधेरे के स्याहे 

अब डराने लगे हैं l


कहीं दूर से सुनाई दी 

माँ की वही  लोरी l

नींद के आगोश में 

खोने का वक्त हैl



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