डूबते सूरज के साथ
मैफ़िल समाप्त गयीl
साथी सभी पुराने
विदा ले रहे हैं l
अकेलेपन का खौफ़
ज़ेहन में छाने लगा है।
घुप्प अंधेरे के स्याहे
अब डराने लगे हैं l
कहीं दूर से सुनाई दी
माँ की वही लोरी l
नींद के आगोश में
खोने का वक्त हैl
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