मंगलवार, 7 अगस्त 2018

कविता: जिंदगी क्या है.



जिंदगी क्या है? 

वसंत के सुहाने सपने
ग्रीष्म का कठोर संघर्ष 
बरसाती  वादे प्यार के
शरद की चांदनी सा संसार .
 या
बितता है समय केवल 
पतझड़ के इंतजार में!

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