बुधवार, 1 अगस्त 2018

मोगरा फुलोंकी सुगंध


बस स्टेन्ड पर खड़ा वह बस का इन्तजार कर रहा था. बालों में मोगरा फूलों का गजरा लगाये वह भी बस के इंतजार में  खड़ी थी. रिमझिम बारिश हो रही थी. अचानक धडाSSSम बिजली कड़की. उईsss माँ, घबराकर वह सीने लिपट गई. क्षणभर के लिए. सॉरी! कहते हुए वह दूर हुई. उसी समय उसकी बस भी आ गई. एक नजर उसे देखते हुए वह बस में चढ़ गई. वह अवाक! देखता रह गया.  वह अपने साथ ले गई उसका दिल, और दे गई  उसे, अपना स्पर्श, शरीर की गंध और मोगरा फूलों की सुगंध. उसके लिए समय की घडी वहीं रुक गयी. आज भी सावन में जब बादल गरजते हैं, बिजली कड़कती है. दिखाई देगा तुम्हे, हात में मोगरा फुलोंका गजरा लिए , प्रतीक्षारत  एक बूढा.....

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