गुरुवार, 27 सितंबर 2018

कविता : कहाँ हुई गलती हमसे



(अल्पवयीन लड़कियों पर बलात्कार और उनकी घृणित हत्या. ऐसी घटनाएँ रोज हमारे  देश में क्यों हो रही है. आज का नौजवान  वासना के भंवर में क्यों डूब रहा है. कहाँ गलती हुई. अनेक प्रश्न मन में उठ रहे है.)

 
भरी दुपहरी में फैला क्यों
अमावस का अँधेरा आज.

किसने पैरों तले कुचल दी 
एक कमसिन कली आज.


माँ- बहनों के रिश्ते क्यों 
निरर्थक हो गए हैं आज.

ममता के कोख में क्यों 
पल रहे रक्त पिशाच आज.


वासना के भंवर में क्यों 
डूब रही जवानी आज.

कहाँ हुई गलती हमसे 
जो सजा भुगत रहे हैं आज. 


  

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