मंगलवार, 18 सितंबर 2018

लघु कथा: पाताल लोक का सिक्का

राजा: "अपने कारीगरों से कहो, दुगने वजन के सिक्के बनाएं."

मंत्री: "महाराज, अपने कारीगर दुगने वजन का सिक्का बनाना नहीं जानते. 

राजा:  "नहीं जानते क्या मतलब, उन्हें पाताल लोक भेजो वजनी सिक्के बनाने का प्रशिक्षण लेने के लिए." 

कारीगर पाताल लोक गए, वजनी सिक्के बनाने का प्रशिक्षण लेकर वापस लौटे.  राजाने उन्हें पाताल लोक के सिक्कों से भी दुगने वजन के सिक्के बनाने को कहा.  

कारीगरोंके बनाये नए सिक्के देख राजाने सर पर हाथ मार लिया. 

अब उन्हें पाताल देश के एक सिक्के के बदले चार सिक्के देने पड़ते हैं.

जो इस कहानी के अर्थ को समझेगा, वही सच्चा अर्थतज्ञ?


टिप: कारीगरोंने पाताल लोक जाकर, वहांके सिक्के बनाने का प्रशिक्षण प्राप्त किया था. 

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