मंगलवार, 12 अप्रैल 2016

चलता रहूँगा मै चलता रहूँगा.

चलना है जीवन 
रुकना है मौत 
नहीं कोई चारा 
चलने के सिवा.

चलता रहूँगा में 
चलता रहूँगा.

राह में मिले जो सम्बन्धी सगे 
 मुसाफिर अजनबी वो निकले 
कुछ पलों का साथ उनका 
 जख्म दे गया जिंदगी भरका
दिल में सहेज  उन जख्मों को 
अकेला में चलता रहूँगा. 

थके हुए शरीरसे 
रिक्त हुए मनसे 
निरुदेश्य मै
भटकता रहूँगा.

चलता रहूँगा में 
चलता रहूँगा.

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