तानाशाह सदैव सच को दबाने की कोशिश करतें है क्योंकि उहने सदा डर लगता है.....
अभिव्यक्ति
कान में बोली
छांट दी जीभ उसकी.
अभिव्यक्ति
शब्दों में पढ़ी
जला दी पुस्तकें सारी
अभिव्यक्ति
चित्रों में दिखी
फाड़ दिए
चित्र सारे.
डर लगता है
सदा उन्हें
स्वतंत्रता से, सत्य से
अभिव्यक्ति से.
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