कभी हरिजनों को कुएं से पानी नहीं भरने नहीं दिया जाता था. आज के ब्राह्मणों (आईएस अधिकारी) के टॉयलेट का इस्तेमाल छोटा कर्मचारी (हरिजन) नहीं कर सकता. सरकार बदल गई परन्तु ब्राह्मणवाद नहीं बदला....
कुएं की जगह उसने
टॉयलेट चमकाया
छुआछूत की जंजीरों से
उसे भी जकड़ा.
विदेशी निवेश का परिणाम अंतत: यही होगा
सात समुन्दर पार से
कारीगर एक आया.
रूपये की जगह उसने
आखिर डाॅलर ही चमकाया.
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