रविवार, 28 सितंबर 2014

प्रोडक्ट कविता




खट्टी-मीठी, तीखी-कड़वी 
मानवीय भावनाओं को   
शब्दों के सांचे में मिलाता हूँ.

तैयार करता हूँ, सबको लुभाने वाला 
फास्ट फ़ूड की तरह स्वादिष्ट 
प्रोडक्ट कविता 


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